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Chintan Shivir : पीएम ने आंतरिक सुरक्षा, 'वन नेशन वन पुलिस यूनिफॉर्म' और फेक न्यूज के फैक्ट चेक पर दिया जोर - पीएम मोदी वन नेशन वन पुलिस यूनिफॉर्म

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, इसलिए शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. पीएम ने वन नेशन, वन पुलिस यूनिफॉर्म की भी वकालत की. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक फेक न्यूज पूरे देश में बवाल खड़ा कर सकती है, इसलिए फेक न्यूज का फैक्ट चेक करना भी जरूरी है.

pm narendra modi
पीएम नरेंद्र मोदी
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Published : Oct 28, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 2:58 PM IST

नई दिल्ली : हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सत्र को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के पहले बने कानूनों में राज्यों को भी अब समय के साथ बदलाव लाने के बारे में सोचना चाहिए. वहीं उन्होंने वन नेशन, वन पुलिस यूनिफॉर्म पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि वन नेशन, वन राशन कार्ड की तर्ज पर पुलिस की वर्दी को लेकर भी ऐसा कुछ किया जा सकता है. सभी राज्य इसपर विचार करें.

पीएम ने कहा कि इससे क्वालिटी प्रोडक्ट मिलेगा, कहीं भी जाने पर सभी को पता चलेगा की ये पुलिस वाला है. उन्होंने कहा कि वक्त भले ही लगे मगर वन नेशन, वन पुलिस यूनिफार्म के विचार पर चर्चा की जानी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्री और गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून को लेकर भी पिछले सालों में कई रिफार्म हुए हैं, जिन्होंने देश में शांति व्यवस्था बनाने में मदद की है. वहीं व्यापार, कारोबार से जुड़े अनेक प्रावधानों को आपराधिक श्रेणी से बाहर किया गया है. सरकार ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने कानूनों को खत्म करके भविष्य का बोझ भी कम किया है.

उन्होंने कहा कि आजादी के पहले के बने कानूनों में राज्यों को भी अब समय के साथ बदलाव लाने के बारे में सोचना चाहिए. यूएपीए जैसे कानून ने आतंकवाद के खिलाफ व्यवस्थाओं को ताकत दी है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल देश में अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं. ये अमृत पीढ़ी पंच प्राणों के संकल्प से निर्मित होगी. इनमें विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं. ये पंच प्राण सबके प्रयास से ही पूरा किए जा सकते है. उन्होंने कहा ये हमारी गवर्नेस की प्रेरणा होनी चाहिए.

  • #WATCH | "In past few yrs, all govts have acted responsibly to demolish ground network of terror...We need to handle it by combining our forces. We'll have to defeat all forms of Naxalism - be it gun totting or pen wielding, we'll have to find a solution for all of them," says PM pic.twitter.com/4OcVJliHgK

    — ANI (@ANI) October 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राज्यों में अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कानून व्यवस्था से जुड़े लोगों की निर्णय और नीतियां बहुत महत्वपूर्ण है. कानून व्यवस्था के पूरे तंत्र का विश्वसनीय होना जरूरी है. जैसे प्राकृतिक आपदा के समय एनडीआरएफ की छवि बनी है. जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है तो लोगों को लगता है सरकार आ गई. कोरोना में भी पुलिसकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर काम किया. कर्तव्य में कमी नहीं है बस जनता के बीच परसेप्शन बनाने की जरूरत है.

आंतरिक सुरक्षा पर मिलकर काम करने की जरूरत - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक-दूसरे से सीखना चाहिए, प्रेरणा लेनी चाहिए और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए.

मोदी ने कहा, 'आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का एक साथ मिलकर काम करना संवैधानिक आदेश के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है. सभी एजेंसियों को कार्य क्षमता, बेहतर परिणाम और आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति संविधान के अनुसार राज्य का विषय हैं, हालांकि वह देश की एकता एवं अखंडता से समान रूप से संबद्ध है.

दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य विजन 2047 और पंच प्रण पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है, जिसका एलान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किया था. प्रधानमंत्री ने पुलिस के लिए एक राष्ट्र, एक वर्दी का विचार रखते हुए कहा कि इसे थोपना नहीं चाहिए बल्कि इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना महत्वपूर्ण है. मोदी ने राज्यों से आजादी से पहले बनाए कानूनों की समीक्षा करने तथा मौजूदा संदर्भ में उनमें संशोधन करने के लिए भी कहा.

फेक न्यूज पर कार्रवाई जरूरी - प्रधानमंत्री ने कहा कि एक फेक न्यूज पूरे देश में बवाल खड़ा कर सकती है, इसलिए फेक न्यूज का फैक्ट चेक करना जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है. वहीं जितनी तेजी से भारत आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से चुनौतियां भी बढ़ रही है. ऐसे में सोचल मीडिया की शक्ति को हमें उसके काम मात्र से नहीं आंकना चाहिए. एक छोटी सी फेक न्यूज देश में बवाल खड़ा कर सकती है. उन्होंने बताया कि आरक्षण को लेकर भी फेक न्यूज फैलने पर ऐसा ही हुआ था. ऐसे में लोगों को जागरूक करते रहना होगा, ताकि भरोसा करने और कुछ भी फॉरवर्ड करने से पहले लोग फैक्ट चेक करें. फेक न्यूज को रोकने के लिए इसके और सोसाइटी के बीच में बड़ी शक्ति खड़ी करनी होगी.

(एक्स्ट्रा इनपुट- एजेंसी)

नई दिल्ली : हरियाणा के सूरजकुंड में 2 दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सत्र को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के पहले बने कानूनों में राज्यों को भी अब समय के साथ बदलाव लाने के बारे में सोचना चाहिए. वहीं उन्होंने वन नेशन, वन पुलिस यूनिफॉर्म पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि वन नेशन, वन राशन कार्ड की तर्ज पर पुलिस की वर्दी को लेकर भी ऐसा कुछ किया जा सकता है. सभी राज्य इसपर विचार करें.

पीएम ने कहा कि इससे क्वालिटी प्रोडक्ट मिलेगा, कहीं भी जाने पर सभी को पता चलेगा की ये पुलिस वाला है. उन्होंने कहा कि वक्त भले ही लगे मगर वन नेशन, वन पुलिस यूनिफार्म के विचार पर चर्चा की जानी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्री और गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून को लेकर भी पिछले सालों में कई रिफार्म हुए हैं, जिन्होंने देश में शांति व्यवस्था बनाने में मदद की है. वहीं व्यापार, कारोबार से जुड़े अनेक प्रावधानों को आपराधिक श्रेणी से बाहर किया गया है. सरकार ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने कानूनों को खत्म करके भविष्य का बोझ भी कम किया है.

उन्होंने कहा कि आजादी के पहले के बने कानूनों में राज्यों को भी अब समय के साथ बदलाव लाने के बारे में सोचना चाहिए. यूएपीए जैसे कानून ने आतंकवाद के खिलाफ व्यवस्थाओं को ताकत दी है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल देश में अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं. ये अमृत पीढ़ी पंच प्राणों के संकल्प से निर्मित होगी. इनमें विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं. ये पंच प्राण सबके प्रयास से ही पूरा किए जा सकते है. उन्होंने कहा ये हमारी गवर्नेस की प्रेरणा होनी चाहिए.

  • #WATCH | "In past few yrs, all govts have acted responsibly to demolish ground network of terror...We need to handle it by combining our forces. We'll have to defeat all forms of Naxalism - be it gun totting or pen wielding, we'll have to find a solution for all of them," says PM pic.twitter.com/4OcVJliHgK

    — ANI (@ANI) October 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राज्यों में अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कानून व्यवस्था से जुड़े लोगों की निर्णय और नीतियां बहुत महत्वपूर्ण है. कानून व्यवस्था के पूरे तंत्र का विश्वसनीय होना जरूरी है. जैसे प्राकृतिक आपदा के समय एनडीआरएफ की छवि बनी है. जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है तो लोगों को लगता है सरकार आ गई. कोरोना में भी पुलिसकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर काम किया. कर्तव्य में कमी नहीं है बस जनता के बीच परसेप्शन बनाने की जरूरत है.

आंतरिक सुरक्षा पर मिलकर काम करने की जरूरत - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक-दूसरे से सीखना चाहिए, प्रेरणा लेनी चाहिए और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए.

मोदी ने कहा, 'आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का एक साथ मिलकर काम करना संवैधानिक आदेश के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है. सभी एजेंसियों को कार्य क्षमता, बेहतर परिणाम और आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति संविधान के अनुसार राज्य का विषय हैं, हालांकि वह देश की एकता एवं अखंडता से समान रूप से संबद्ध है.

दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य विजन 2047 और पंच प्रण पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है, जिसका एलान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किया था. प्रधानमंत्री ने पुलिस के लिए एक राष्ट्र, एक वर्दी का विचार रखते हुए कहा कि इसे थोपना नहीं चाहिए बल्कि इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना महत्वपूर्ण है. मोदी ने राज्यों से आजादी से पहले बनाए कानूनों की समीक्षा करने तथा मौजूदा संदर्भ में उनमें संशोधन करने के लिए भी कहा.

फेक न्यूज पर कार्रवाई जरूरी - प्रधानमंत्री ने कहा कि एक फेक न्यूज पूरे देश में बवाल खड़ा कर सकती है, इसलिए फेक न्यूज का फैक्ट चेक करना जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है. वहीं जितनी तेजी से भारत आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से चुनौतियां भी बढ़ रही है. ऐसे में सोचल मीडिया की शक्ति को हमें उसके काम मात्र से नहीं आंकना चाहिए. एक छोटी सी फेक न्यूज देश में बवाल खड़ा कर सकती है. उन्होंने बताया कि आरक्षण को लेकर भी फेक न्यूज फैलने पर ऐसा ही हुआ था. ऐसे में लोगों को जागरूक करते रहना होगा, ताकि भरोसा करने और कुछ भी फॉरवर्ड करने से पहले लोग फैक्ट चेक करें. फेक न्यूज को रोकने के लिए इसके और सोसाइटी के बीच में बड़ी शक्ति खड़ी करनी होगी.

(एक्स्ट्रा इनपुट- एजेंसी)

Last Updated : Oct 28, 2022, 2:58 PM IST
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